नर्सिंग परीक्षाओं से जुड़े मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने आज को सुनवाई की गई। जिसमें कोर्ट ने परीक्षाओं पर लगी रोक को बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं आज सीबीआई ने भी 22 कॉलेजों की जांच की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया। जिसमें कई चौंकाने वाली जानकारियां निकालकर सामने आई हैं। कोर्ट ने इन 22 नर्सिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग पर भी सवाल खड़े किए है। अब आगे मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को की जाएगी ।
हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि ट्रेनिंग करने वाले हॉस्पिटल से नोटराइज्ड एफिडेविट में जानकारी मुहया कराया गये । जसमें साफ तौर में यह बताया जाए कि ट्रेनिंग लेने वाले स्टूडेंट की वास्तविक संख्या क्या रही है और किस सेशन में उन्होंने हॉस्पिटल से ट्रेनिंग की है।वही कोर्ट ने कहा की जानकारी नहीं देने वाले हॉस्पिटलों के ऊपर एक्शन लिया गये। इसके साथ सीबीआई को कोर्ट ने 27 जुलाई की पेशी में अपनी रिपोर्ट पेश करनी की बात कही है।
आपको बता दें कि बीती 27 फरवरी से हाईकोर्ट ने नर्सिंग की परीक्षाओं पर रोक लगाई है। इसमें बीएससी नर्सिंग, बीएससी पोस्ट बेसिक, एमएससी नर्सिंग की परीक्षाये शामिल है।इसके लिए मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दो बार नोटिफिकेशन जारी कर सत्र 2019-21 के छात्रों को परीक्षा की अनुमति दी थी। आज हाईकोर्ट में सबसे पहले सीबीआई ने 364 नर्सिंग कॉलेजों में से 22 कॉलेजों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जिस देख कर कोर्ट को भी हैरानी हो गई
सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया की 22 22 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में 50% कॉलेजों में कमियां पाई गईं। रिपोर्ट में सामने आया कि 10 साल या उससे ज्यादा पुराने नर्सिंग कॉलेज 33% कॉलेज ही उपयुक्त पाए गए है । वही पांच साल या उस से ज्यादा पुराने सरकारी नर्सिंग कॉलेज 67% ही नर्सिंग कॉलेज उपयुक्त है। इसके साथ ही पिछले पांच साल और उससे कम वाले सरकारी कॉलेजों में 44% ही उपयुक्त पाए गए।