- भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कराने 18 फरवरी से शुरू होगी पदयात्रा, कांग्रेस ने कहा-सियासी पदयात्रा
- विहिप ने कहा-कांग्रेस, भाजपा, सपा सभी को शामिल होने का आमंत्रण देंगे
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ रही हैं। कांग्रेस का राष्ट्रीय महाधिवेशन 24 से 26 फरवरी तक यहीं होगा। लेकिनि इससे पहले 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन छत्तीसगढ़ में होने वाली पदयात्रा की चर्चाएं पूरे देश में हैं। विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन मिलकर एक महत्वपूर्ण पद यात्रा निकालने जा रहे हैं। इसे नाम दिया गया है हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा। यात्रा में देशभर से 500 से ज्यादा संत-महंत जुटेंगे, जो छत्तीसगढ़ की अलग-अलग जगहों से यात्राएं निकालेंगे। पैदल चलते हुए संत आम लोगों से मिलते-जुलते हुए आगे बढ़ेंगे। इस दौरान धर्म की बात होगी और हिंदुत्व पर भी चर्चा की जाएगी। 19 मार्च को रायपुर में बड़ी धर्मसभा भी होगी। सत्ताधारी दल कांग्रेस ने इस आयोजन को सियासी बताया है। वहीं आयोजकों का कहना है कि यह सियासी नहीं बल्कि बल्कि यह यात्रा राष्ट्र को समर्पित है
विवादित मुद्दे भी उठेंगे
पदयात्रा के सह संयोजक विश्व हिंदू परिषद के चंद्रशेखर वर्मा ने बताया कि धर्म सभा के मौके पर संत भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित करने की अपील करेंगे। शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती पहले ही भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की यात्रा शुरू कर चुके हैं। इस यात्रा में मध्यप्रदेश के संत अखिलेश्वरानंद जी महाराज भी शामिल हो सकते हैं। धर्मसभा में धर्मांतरण, जनसंख्या वृद्धि, तस्करी, लव जिहाद, भूमि जिहाद जैसे मुद्दों को उठाया जाएगा।
कांग्रेस बोली-जो संत होगा, इस यात्रा में शामिल नहीं होगा
कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जो संत होगा वह आरएसएस की यात्रा में शामिल नहीं होगा। एक तरफ ये हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो दूसरी तरफ ईसाई और मुस्लिम समाज के लिए भोज और कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। पूरा कार्यक्रम वोट बटोरने की सियासी कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं है। वहीं यात्रा के सह संयोजक चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि हम कांग्रेस, भाजपा, सपा समेत सभी दलों के नेताओं को एक हिंदू के रूप में यात्रा में शामिल होने का आमंत्रण भी देते हैं। यह यात्रा राष्ट्र को समर्पित है।