विदुषी बालिका आद्या तिवारी के मुख से कलेक्टर ने सुना संस्कृत भाषा में श्लोक
जबलपुर। ग्वारीघाट निवासी 5 वर्षीय बालिका आद्या तिवारी आपने पिता कमलेश तिवारी के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर डॉक्टर इलैया राजा टी से मुलाकात करके कलेक्टर को श्लोकों को सुस्वर उच्चारण करके सुनाया। महाकवि कालिदास के कंठ में साक्षात मां सरस्वती का वास था उसी तरह इस पांच वर्ष की बालिका को माँ दुर्गा सहित सभी प्रमुख देवी देवताओं के 250 से भी अधिक श्लोक व मन्त्र कंठस्थ है। आद्या तिवारी श्रीगणेशजी, दुर्गाजी, विष्णुजी, शिवजी , हनुमानजी आदि देवताओं के श्लोक शुद्ध व फर्राटे से कंठस्थ बोलती है। नवदुर्गा,सप्त श्लोकी दुर्गा व सप्तशती सहित अनेक देवी देवताओं के स्तोत्र व महत्वपूर्ण श्लोकों का शुद्ध व सुस्वर उच्चारण करती है।
इस 5 वर्षीय बालिका को मंत्रोच्चार से आनन्द की प्राप्ति होती है। आद्या का लक्ष्य पूरी दुर्गा सप्तशती,भगवतगीता व रामायण की चौपाइयां कंठस्थ करने का है। यह सब इसे अपने पिता पण्डित कमलेश तिवारी वैदिक पारिवारिक परिवेश व सात्विक संस्कारों से प्राप्त हुआ है। मेधावी नन्ही बालिका को वेदों के भी कुछ मन्त्र , मन्त्र पुष्पांजलि, स्तोत्र के साथ ही प्रमुख देवी देवताओं की आरती आदि भी कण्ठस्थ है। यह नन्ही बालिका शारदीय नवरात्र में नवदुर्गाओं के श्लोक ,सप्त श्लोकी दुर्गा सप्तशती प्रतिदिन विधि विधान से पूजा अर्चना करती है। आद्या तिवारी को यह सबकुछ अपने पितामह की प्रेरणा व आशीर्वाद से प्राप्त हुआ है। आद्या का कहना है कि हमारी भारतीय संस्कृति उदात्त है,यदि हम हमारे संस्कारों व संस्कृति के अनुरूप जीवन यापन व आचरण करें तो हम सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं।