Wednesday, June 7, 2023
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आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई की जांच अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई

दिल्ली की नई आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई की जांच अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है। अब सीबीआई भी उनसे पूछताछ करेगी। आम आदमी पार्टी के सूत्रों से पता चला है कि मुख्यमंत्री से कथित शराब घोटाले में पूछताछ होगी। सीएम केजरीवाल को सीबीआई ने 16 अप्रैल को पूछताछ के लिए मुख्यालय बुलाया है।

मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि अत्याचार का अंत जरूर होगा। इसके साथ ही बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई द्वारा समन दिए जाने के मामले में उन्होंने शाम (14 अप्रैल) छह बजे प्रेसवार्ता की।

आम आदमी पार्टी के नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सीबीआई के मुख्यमंत्री को दिए गए नोटिस से उनकी पार्टी डरने वाली नहीं है, न ही पार्टी और न ही केजरीवाल डरने वाले हैं और न ही झुकने वाले हैं। संजय सिंह ने कहा कि सीबीआई के नोटिस पर मुख्यमंत्री 16 अप्रैल को पेश होने जाएंगे।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में प्रधानमंत्री और उनके दोस्त के बारे में पैसे को लेकर जो बात सामने रखी थी, उसी के चलते यह नोटिस केजरीवाल को आया है। केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश रची जा रही है।

दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद 9 मार्च को तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद ईडी ने आबकारी नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। वह सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। इसके अलावा ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी न्यायिक हिरासत में हैं।

अक्टूबर, 2022 में ईडी ने मामले में दिल्ली के जोर बाग स्थित शराब वितरक इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू की गिरफ्तारी और बाद में उन्हें गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली और पंजाब में लगभग तीन दर्जन स्थानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने भी इस सप्ताह की शुरुआत में इस मामले में अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया।

सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। यह भी आरोप है कि आबकारी विभाग ने निर्धारित नियमों के विरुद्ध एक सफल निविदाकर्ता को लगभग 30 करोड़ रुपये की बयाना जमा राशि वापस करने का निर्णय लिया था। नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी।

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