छत्तीसगढ़ राज्य में इस साल अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।जिसमें किसान भी रागी का राग गाने को तैयार हैं,जहां पहले जिले में एक से दो एकड़ में ही मोटे अनाज की उपज होती थी।दरअसल,अब वह बढ़कर 1067 एकड़ तक पहुंच गई है।3578 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी समर्थन मूल्य और 6000 रुपये अनुदान ने भी किसानों को खूब रिझाया है।जहां धान पर 2640 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दिया जाता है।मिलेट्स पर 3578 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी देने की घोषणा की गई हैं।
हालांकि रायपुर जिले में अभी सिर्फ रागी का ही उत्पादन किया जा रहा है, क्योंकि इसके अलावा कोदो और कुटकी की फसल खरीफ में बोई जाएगी।बहरहाल रागी की 5000 क्विंटल से ज्यादा फसल लगभग कटाई के लिए तैयार है और मई के अंतिम सप्ताह से लेकर जून की शुरूआत में फसल बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाएगी।लेकिन इसके लिए किसानों को बाजार उपलब्ध कराना अब भी चुनौती बना हुआ हैं।
आत्मा के 32 हेक्टेयर के बीज खरीदेगा बीज निगम
मिलेट्स के उत्पादन के लिए दो योजनाओं के तहत किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है,जिसमें रफ्तार योजना के तहत 988 एकड़ में। जबकि आत्मा एग्रीकल्चरल टेक्नोलाजी मैनेजमेंट एजेंसी द्वारा 79 एकड़ में रागी लगाई गई है,जिसमें आत्मा से उपजी 948 क्विंटल फसल को बीज निगम द्वारा 5700 प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा और उत्पादन को प्रदेशभर में बढ़ाने के लिए बीज उपलब्ध करवाया जाएगा।
6000 अनुदान से कीटनाशक व अन्य खरीदी
किसानों को उत्पादन के लिए शासन की ओर से 6000 रुपये अनुदान भी दिया जा रहा है।जिससे वे कीटनाशक, बीज, कल्चर सहित अन्य जरूरी सामग्रियां खरीद सकते हैं।जिसकी आपूर्ति शासन की ओर से उपलब्ध तो कराई जा रही है, लेकिन अनुपलब्धता पर किसान इन्हें खर्च पर खरीद सकते हैं, जिसका बिल लगाने पर प्रशासन की ओर से उन्हें उक्त राशि रिएंबर्स की जाएगी।एमएसपी और अनुदान की राशि से प्रभावित होकर किसानों ने रागी की फसल तो लगा ली है, लेकिन इसके कटने के बाद बिक्री के लिए बाजार दिलाना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।क्योंकि अब तक की व्यवस्था के हिसाब से रायपुर के किसानों को कटने के बाद बेचने के लिए बलौदा बाजार की मंडी जाना होगा।हालांकि शहर के दो मिलेट्स कैफे में इनकी खरीदी की व्यवस्था प्रशासन स्तर पर की गई हैं।
कोदो कुटकी के लिए किसानों को करेंगे प्रेरित
कृषि उप संचालक आरके कश्यप के अनुसार अभी रागी से शुरूआत की गई है।खरीफ में कोदो, कुटकी की खेती के लिए किसानों काे प्रेरित किया जाएगा।इसके अलावा रागी का रकबा भी आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।साथ ही किसानों को बिक्री के लिए बाजार दिलाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।