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अतिक्रमण वायरस है.. हटाना है तो पूरा हटाओ, नहीं तो ज्ञान मत बताओ..!

  • बुरहानपुर में ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन, सांसद से कहा- हटाना ही था तो वन मंत्री को हटाते, जंगल कट गया तब आए

नेपानगर। हमें पूरा बुरहानपुर वन मंडल अतिक्रमणमुक्त चाहिए। आप इस बोर्ड पर नाम लिख दो और आंख बंद करके उस पर उंगली रखो तो ऐसा कोई गांव नहीं जहां अतिक्रमण न हो। केवल घाघरला, पानखेड़ा से ही अतिक्रमण हटाने से अतिक्रमण का हल नहीं होगा। अगर समाधान चाहते हैं तो बुरहानपुर जिले में एक भी गांव में अतिक्रमण रहा तो वायरस की तरह फैलेगा। जिन्होंने यह कार्रवाई की है उन पर कार्रवाई होना चाहिए। यह कहना है नेपानगर तहसील की नावरा रेंज के ग्राम घाघरला के लोगों का। वे वन कटाई को लेकर लंबे समय से विरोध कर रहे हैं।
सांसद, विधायक व नेताओं को झेलना पड़ा आक्रोश
ग्रामीणों की मांग है कि क्षेत्र में वन कटाई रोककर अतिक्रमणकारियों को खदेड़ना चाहिए। एक बार प्रशासन ने कार्रवाई भी की, लेकिन अतिक्रमणकारी घाघरला के जंगल से भाग निकले थे। जबकि इससे पहले क्षेत्र के ग्रामीणों ने तत्कालीन डीएफओ ग्रिजेश कुमार बरकड़े का घेराव कर दिया था। गुरूवार को खंडवा संसदीय सीट से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, नेपानगर विधायक सुमित्रा कास्डेकर, मप्र विपणन बोर्ड उपाध्यक्ष मंजू दादू ग्राम घाघरला पहुंचे, तो उन्हें भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
वोटिंग के समय हाथ जोड़ते हो, अब हम तो तुम्हारे पैर पड़ रहे हैं
ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं बताई तो सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा इसलिए हमने डीएफओ को हटाने को कहा था। तब एक ग्रामीण ने कहा- हटाना ही था तो वन मंत्री को हटवाते। इस पर खुद सांसद और वहां मौजूद अन्य नेता, ग्रामीण अपनी हंसी नहीं रोक पाए। वहीं इस दौरान एक ग्रामीण महिला ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल से कहा- पूरा जंगल कट गया तब आए। यदि हम दो चार मर जाते तो। वाहन में पीछे बैठी नेपानगर विधायक से कहा- वोटिंग के समय तुम हाथ जोड़ते हो, अब हम तो तुम्हारे पैर पड़ रहे हैं कि जंगल बचाओ। हम गलत कर रहे हैं क्या। फिर भी आप जंगल नहीं बचा रहे हो। खास बात यह है कि दोनों ही नेता महिला को कोई जवाब ही नहीं दे पाए। एक ग्रामीण ने कहा-अतिक्रमणकारियों से सारा नुकसान वसूला जाए।

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