- मार्च 2019 में प्रदेश में पहली बार मिले थे कोरोना के पेशेंट.. तब सिहर गए थे लोग
जबलपुर। कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर देश और प्रदेश में आ चुकी है। लेकिन जितनी दहशत पहली लहर में थी, वह अब दिखाई नहीं दे रही है। जबलपुर ऐसा शहर है, जहां दूसरी बार कोरोना ने एंट्री मारी है। मार्च 2019 में पहली बार प्रदेश में कोरोना के पेशेंट मिले थे। तब पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। लोग बेहद डरे-सहमे थे और इसका नजारा शाम को ही देखने को मिल गया। तब शहर में पुलिस ने मार्च निकाला और शहर की दुकानें भी बंद कराईं। दो-चार दिन बीते ही थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू लगा दिया। इसके साथ ही देशव्यापी लॉकडाउन लग गया और फिर गरीबों के लिए यह लॉकडाउन सितम से कम नहीं था, तो अमीरों को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा।
कभी न भूलने वाला तबाही का मंजर
दूसरी लहर में लोगों ने तबाही के कभी न भूलने वाले मंजर देखे। अस्पतालों में पैर रखने की जगह नहीं थी। घर-पड़ोस में मरीज मिल रहे थे। मौतें हो रही थीं तो श्मशाम घाट में जलाने के लिए लकड़ियां और जगह तक नहीं बची थी। सरकार और लोगों ने इस लहर से सबक सीखा। जब तीसरी लहर आई तो सरकार ने बचाव के सारे इंतजाम किए। बहरहाल मरीज तो सबसे ज्यादा मिले, लेकिन तबाही नाममात्र की हुई। अब चौथी लहर की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि चीन और विश्व के कई देशों में मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें।
अमेरिका से भारत लौटी महिला कोरोना पॉजिटिव
जबलपुर में नववर्ष के पहले ही 29 दिसंबर को अमेरिका से भारत लौटी एक महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई। सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट की जांच के लिए महिला का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए डीआरडीओ लैब ग्वालियर भेजा गया है। कोरोना संक्रमित महिला 23 दिसंबर को अमेरिका से दिल्ली पहुंची थी। आगरा होते हुए वह अपने परिजनों से मिलने जबलपुर के बिलहरी इलाके में आई। सर्दी-खांसी होने पर कोरोना टेस्ट कराया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बहरहाल स्वास्थ्य विभाग अमेरिका से लौटे इस परिवार के कांटेक्ट हिस्ट्री की भी तलाश कर रहा है।